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Bitcoin Ban सुप्रीम कोर्ट ने RBI से बिटक्वॉइन की खरीद-बिक्री पर तुरंत रोक लगाने को कहा है


16-July-2017 New Delhi देश में बिटक्वाइन को लेकर आतंकी फंडिग की बात सामने आने लगी है. सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद भारत सरकार भी बिटक्वॉइन पर शिकंजा कसने जा रही हैै.
सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से बिटक्वॉइन  की खरीद-बिक्री पर तुरंत रोक लगाने को कहा है. देश में पिछले कुछ सालों से बिटक्वॉइन का इस्तेमाल खुलेआम व धड़ल्ले से हो रहा है.
वित्त मंत्रालय ने अमेरिका और कनाडा के तर्ज पर भारत में भी बिटक्वॉइन पर कानून बनाने पर सहमति दे दी है. भारत सरकार का मानना है कि बिटक्वॉइन देश में हवाला कारोबार को बढ़ावा दे रहा है.
वित्त मंत्रालय का कहना है कि अमेरिका और कनाडा ने क्रिप्टो से होने वाली आतंकी फंडिग और हवाला गतिविधियों पर काफी नियंत्रित किया है.
रुपए, डॉलर, यूरो, पाउंड जैसी मुद्राओं से तो लोग वाकिफ हैं. लेकिन, दुनिया में इस समय एक नई मुद्रा परवान चढ़ रही है और ये है बिटक्वाइन.
कहने को तो बिटक्वॉइन एक आभासी यानी वर्चुअल करेंसी है. लेकिन, इसकी कीमत पिछले करीब आठ साल में साढ़े चार लाख गुना बढ़ी है
क्या है बिटक्वॉइन?
बिटक्वॉइन एक नई तरह की वर्चुअल करंसी है. जिसे 2008 में शतोषी नाकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने दुनिया के सामने पेश किया था. इंटरनेट के जरिए इस करेंसी से बिना किसी मध्यस्थ के लेन-देन किया जा सकता है. जिसका कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं होता है.
बिटक्वॉइन की कीमत फिलहाल किसी भी देश की करेंसी से ज्यादा है. साल 2009 में बिटक्वॉइन 36 पैसे का था. जो साल 2013 आते-आते 12 हजार रुपए का हो गया. पिछले दो साल में इसका भाव और बढ़ता गया है. आज की तारीख में एक बिटक्वॉइन की कीमत 1 लाख 60 हजार 449 रुपए और 41 पैसा है.

दुनिया में आभासी मुद्रा बिटक्वॉइन का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन, भारत सरकार वर्चुअल करेंसी को लेकर अब तक कोई राय नहीं बना पाई है. वित्त मंत्रालय की एक कमेटी अभी इस क्रिप्टो करेंसी पर अपनी रिपोर्ट तैयार करने में लगी है.
लेकिन, सुप्रीम कोर्ट क ताजा फैसले के बाद सरकार और आरबीआई बिटक्वॉइन पर लगाम लगाने जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को चार हफ्ते का दिया समय 
चूंकि बिटक्वॉइन पर सरकारी नियंत्रण या सरकार की कोई गारंटी नहीं है इसलिए इस पर पाबंदी की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दी गई. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक से कहा है कि चार हफ्ते के भीतर बिटक्वॉइन पर फैसला करे.
ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के द्वारा बनाई एक कमेटी की रिपोर्ट भी इसी महीने आ सकती है.
एक अनुमान के मुताबिक इस समय दुनिया भर में 2.5 करोड़ से अधिक बिटक्वॉइन सर्कुलेशन में हैं. इस करेंसी का इस्तेमाल सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होता है. कहा जाता है कि होटल बुक कराने, सैर सपाटा करने और हीरे जवाहरात खरीदने से लेकर सट्टाबाजारी, कत्ल की सुपारी और फिरौती के लिए भी बिटक्वॉइन का इस्तेमाल हो रहा है.
यह एक डिजिटल करेंसी है जो एक कोड के रूप में होती है. इस जटिल कोड को ईजाद करने वाले माइनर कहे जाते हैं. बिटक्वॉइन का कारोबार एक ब्लॉक चेन के जरिए होता है जो बिटक्वॉइन वॉलेटधारियों का नेटवर्क होता है.
सुप्रीमकोर्ट ने शुक्रवार को विजय पाल और सिद्धार्थ डालमिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया.
गैर-कानूनी धंधों में होता है बिटक्वॉइन का इस्तेमाल
याचिका में कहा गया है कि इस मुद्रा का इस्तेमाल आतंकवाद और घुसपैठ के खिलाफ होता है. इसके अलावा हथियारों और नशीली दवाओं की तस्करी, आतंकियों की भर्ती, घूसखोरी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग में भी इसका इस्तेमाल होता है.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि  जैसी मुद्रा का इस्तेमाल कर चोरी,कालेधन में बढ़ोतरी, मानव तस्करी और यौन शोषण, हवाला कारोबार, गैर कानूनी निवेश और ऑनलाइन जुए में भी होता है. जिस वजह से भारतीय मुद्रा पर बुरा असर पड़ता है.
पिछले महीने ही भारत-ब्रिटेन समेत दुनियाभर के लगभग सौ देशो के कंप्यूटरों को हैक किया गया था. इसके फिरौती के तौर पर इसी आभासी मुद्रा का इस्तेमाल हुआ था. हैकरों ने बड़े पैमाने पर कंप्यूटरों को ठप कर दिया गया था. भारत में इसके बदले 19 हजार से लेकर 38 हजार रुपए तक फिरौती की मांग की गई थी.
कंप्यूटरों को हैकिंग से मुक्त करने के लिए फिरौती के रूप में बिटक्वॉइन का ही इस्तेमाल किया गया था.
हाल ही में पंजाब की पटियाला पुलिस ने अपहरण के एक मामले में भी बिटक्वॉइन के रूप में फिरौती मांगने वाले गिरोह का खुलासा कियाथा Source : firstpost.com

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