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Bitcoin Regulation बिटकॉइन की जांच के लिए समिति गठित -3 माह में मिलेगी रिपोर्ट ।

14-April-2017 नई दिल्ली। क्या बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल काले धन को वैध बनाने में हो रहा है? सरकार ने इस मामले की तह तक जाने के लिए एक समिति का गठन किया है जो वर्चुअल करेंसी से जुड़े तमाम मुद्दों पर विचार करेगी।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के विशेष सचिव की अध्यक्षता वाली समिति तीन माह में अपनी रिपोर्ट देगी। वित्त मंत्रालय का कहना है कि इस समिति में राजस्व विभाग, गृह मंत्रालय, रिजर्व बैंक, एसबीआई और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं।
मंत्रालय का कहना है कि समिति भारत में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के मौजूदा फे्रमवर्क और विदेशों में इस संबंध में कानूनी ढांचे पर विचार करेगी। समिति इस बारे में सुझाव भी देगी कि बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से उपभोक्ताओं के हितों का किस तरह बचाव किया जाए।
साथ ही इस बात पर भी विचार करेगी कि कहीं इसके जरिए काले धन को वैध बनाने का धंधा तो नहीं चल रहा है। वर्चुअल करेंसी पर दुनियाभर में विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं। रिजर्व बैंक ने भी समय-समय पर इस बारे में आगाह किया है।
भारत में गैर कानूनीकुछ समय पहले वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने संसद की स्थायी समिति को बताया था कि भारत में बिटकॉइन गैर कानूनी है। मंत्रालय के अधिकारियों ने कांग्रेस सदस्य वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्त मामलों संबंधी संसदीय समिति को यह जानकारी दी है।
संसद में भी उठा है मसला वहीं बिटकॉइन का मुद्दा संसद में भी उठाया जा चुका है। संसद में यह मसला उठाने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया का कहना है कि यह एक वैश्विक पोंजी स्कीम है। सरकार और आरबीआई को इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना में हजारों करोड़ रुपए लगे हैं, लिहाजा लोगों को इसके प्रति सावधान करना चाहिए।
शुरुआत 2009 मेंः 2008 में पहली बार बिटकॉइन के संबंध में एक लेख प्रकाशित किया गया था। लेकिन लोगों के इस्तेमाल के लिए यह 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में उपलब्ध हुई।
इसे अज्ञात कंप्यूटर प्रोग्रामर या इनके समूह ने सातोशी नाकामोटो के नाम से बनाया। यह नाम किसका है, कहां का है या कौन है, यह अभी तक रहस्य है। वैसे विशेषज्ञों का मानना है कि इसे चीन या जापान में बनाया गया।
1.5 करोड़ बिटकॉइन चलन मेंः पूरी दुनिया में कुल 1.5 करोड़ बिटकॉइन चलन में होने का अनुमान है। इस पर किसी सरकार का नियंत्रण नहीं है। लेकिन, इसे दुनिया में कहीं भी सीधा खरीदा या बेचा जा सकता है।
इन्हें रखने के लिए बिटकॉइन वॉलेट उपलब्ध होते हैं। इन्हें आधिकारिक मुद्रा से भी बदला जाता है। चूंकि यह कोड या अक्षरों में होती है, लिहाजा इसे न तो जब्त किया जा सकता है और न ही नष्ट।





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